पपीते के फायदे ( Benefits of Papaya )

02:27 Unknown 0 Comments


पपीता एक रसीला फल है इसको हम कच्चा या पक्का दोनों तारीखों से खा सकते है इसको हमारा शारीर आसानी से अवशोषित केर लेता है

पपीते में विटामिन A , विटामिन बी , विटामिन C  एवं  कुछ मात्रा में विटामिन D  भी पाया जाता है| ये हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है

पपीता खाने के लाभ 


1. कोलेस्ट्रॉल को काम करता है 
पपीते में फाइबर, विटामिन C  और एंटीऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होता है जो आपके खून में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से हार्ट की बीमारी होने का खतरा रहता है|

2. वजन कम करता है 
 जो लोग अपने वजन काम करना चाहते है वो पपीते का सेवन जरूर करे | एक पपीते में 120  कैलोरी होती है  इसमें मौजूद फाइबर आपको तारो-तजा बनाए रखती है


3. पपीता रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है 
रोग प्रतिरोधक हमारे शारीर को बहुत सी बीमारियों से बचता है रोग प्रतिरोधक को सही काम करने क लिए विटामिन C की जरुरत होती है अगर हम 1 सामान्ये आकर का पपीता कहते है तो वो हमारी दो दिन की विटामिन C  की जरुरत को पूरी कर देता है इसलिए इसको लगातार खाने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है

0 comments:

मधुमेह या डायबिटीज ( diabetes ) का घरेलु उपचार

01:05 Unknown 3 Comments



डायबिटीज एक सामान्य बीमारी है पर अगर हम इसका सही समय पर उपचार न करे तो ये भुत भयंकर रूप ले लेती है| कुछ घरेलु उपयो से और अपने खान-पान में परिवर्तन करके हम डायबिटीज से आसानी से बच सकते है  लगातार कुछ उपायों को करके आप डायबिटीज के प्रभावों से बच सकते है



1. काला जामुन:   
 ये ब्लड-शुगर को कम करने में मदद करता है और ह्रदय संबंधी बीमारियों से शरीर को दूर रखता है।

2. नीम: 
देश में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले नीम के पत्ते स्वाद में कडवे होते हैं पर इनमें बहुत सी खासियतें हैं।  नीम इन्सुलिन रिसेप्टर सेंसिटिविटी बढाने के साथ साथ शिराओं व धमनियों में रक्त प्रवाह को ठीक करता है और हाइपो ग्लाय्केमिक ड्रग्स पर निर्भर होने से बचाता है।
नुस्खा: बेहतर नतीजों के लिए नीम के पत्तों का जूस रोज़ सुबह खाली पेट लें।

3.ग्रीन टी: 
ग्रीन टी में पॉलीफिनोल्स होते हैं जो एक मज़बूत एंटी-ऑक्सीडेंट और हाइपो-ग्लाइसेमिक तत्व हैं, इससे ब्लड शुगर को रिलीज़ करने में मदद मिलाती है और शरीर इन्सुलिन का सही तरह से इस्तेमाल कर पाता है।

4. दालचीनी: 
ये इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारने के साथ-साथ ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को भी कम करता है। अगर सिर्फ आधी चम्मच दालचीनी रोज़ ली जाए तो इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारा और अपने वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है।
नुस्खा: लगभग एक महीने के लिए अपने रोज़ के आहार में एक ग्राम दालचीनी का इस्तेमाल करें, इससे ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलेगी।

5. तुलसी के पत्ते: 
तुलसी के पत्तों में ऐन्टीआक्सिडन्ट और ज़रूरी तेल होते हैं जो इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनता है। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। इससे इन्सुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है। एक और फ़ायदा ये है कि पत्तियों में मौजूद ऐन्टीआक्सिडन्ट  आक्सिडेटिव स्ट्रेस संबंधी कुप्रभावों को दूर करते हैं।
नुस्खा: शुगर लेवल को कम करने के लिए दो से तीन तुलसी के पत्ते खाली पेट लें, या एक टेबलस्पून तुलसी के पत्ते का जूस लें।

6. अधिक पानी का सेवन करे
मधुमेह रोगी को अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए ऐसे समय मई वह अगर निम्बू पानी का सेवन करते  है तो ये उनकी सेहत के लिए भुत अच्छा है

7. हरी सब्जी, दाल, दही का सेवन अधिक करना चाहिए।

8. हरड़-बहेड़ा-आँवला (त्रिफला) को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर सेवन करना चाहिए इससे कब्ज भी नहीं रहेगी। उचित भोजन और शारीरिक परिश्रम से मधुमेह को ठीक किया जा सकता है।

9. अगर डायबिटीज कन्ट्रोल में नहीं हो तो केवल गेहूँ की रोटी नहीं खानी चाहिए, जौ, चना, गेहूँ (तीन किलो जौ, एक किला गेहूँ , आधा किलो चना को मिलाकर आटा पिसवा लेना चाहिए) की रोटी खानी चाहिए।

10.  टमाटर- मधुमेह के रोगी के लिए टमाटर बहुत लाभदायक है। मूत्र में शक्कर आना धीरे-धीरे कम हो जाता है। प्रमेह में भी यह उपयोगी है

11. गाजर-
गाजर का रस 310 ग्राम, पालक का रस 185 ग्राम मिलाकर नमक, जीरा डालकर पीने से मधुमेह रोग में फायदा होता है।

12. मधुमेह के रोगी नित्य जामुन खानीचाहिए।जामुन की गुठली का चूर्ण आधा चम्मच शाम को पानी के साथ लेने से शर्करा  आना ठीक हो जाता है।

13. दिन में दो बार मूली खाने से या मूली का रास पीने से  मधुमेह में लाभ होता है ।

14. मेथी दान 60 ग्राम बारीक पीस कर एक गिलास पानी में भिगो दे । इसे १२ घंटे बाद छानकर पिये। इस प्रकार  सुबह -शाम दो बार नित्य 6 सप्ताह पीने से मधुमेह ठीक हो जाता है। इसके साथ मेथी के हरे पत्तो  सब्जी भी खाए।

15. बबूल के गोंद का चूर्ण 3 ग्राम पानी के साथ अथवा गोदुग्ध के साथ दिन में 3 बार नित्य लेना चाहिये। मधुमेह के लिये यह एक लाभकारी सरल प्रयोग है।

16. बबूल की कोमल पत्तियाँ उखाड़ कर लायें और उन्हें सिल पर जल योग से पीसें। साथ ही 4.5 काली मिर्च भी डाल दें और छान कर पीवें। इससे भी मधुमेह में लाभ सम्भव है। प्रातः-सायं दोनों समय पीवें |

17. गूलर के पत्ते मधुमेह में लाभकारी हैं। उन्हें पानी के साथ सिल पर ठण्डाई के समान घोट कर पीना चाहिये। यदि कब्ज या अपच की षिकायत न हो, तो इस योग से लाभ उठाया जा सकता है।

18. गूलर का पका फल वृक्ष से तोड़कर, ताजा खाना भी हितकर है। ऊपर से ताजा पानी ही लेना चाहिए

19.  मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में खीरा नींबू निचोड़कर खाकर भूख मिटाना चाहिए।

20. मधुमेह उपचार मे शलजम का भी बहुत महत्व है । शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। इसके अतिरिक्त मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।

21.  6 बेल पत्र , 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत काली मिर्च ताज़ी पत्तियाँ पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लें और सेवन के बाद कम से कम आधा घंटा और कुछ न खाएं , इसके नियमित सेवन से भी शुगर सामान्य हो जाती है

22.  नारियल का तेल -
नारियल का तेल डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत हीं फायदेमंद होता है। नारियल के तेल में कुछ खास और दुर्लभ वसा अणु होते हैं जो आपकी कोशिकाओं को बिना इंसुलिन की मदद के आहार प्रदान करता है।

3 comments:

Tips for migraine headache – माइग्रेन का इलाज या आधा सिर दर्द हेतु प्राकृतिक घरेलु नुस्खे

06:02 Unknown 4 Comments




माइग्रेन एक आम बीमारी है जो दिमाग में नर्व की सूजन से पैदा होती है। अर्धकपारी या फिर माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है।माइग्रेन किसी भी आयु में हो सकता है, कभी-कभी यह लगभग 4 से लेकर 72 घंटे तक बना रहता है। इसमें सिर के पिछले हिस्से में गर्दन के पास से लेकर पूरे सिर में बहुत भंयकर दर्द होता है। माइग्रेन किसी भी आयु में हो सकता है।

माइग्रेन होने के क्या कारण है

1.    पर्याप्त नींद न लेना माइग्रेन का बहुत बड़ा कारण है।
2.    काम पानी पीने की वजह से भी माइग्रेन हो सकता है
3.    धुप मैं घूमकर और बहुत अधिक  शारीरिक या मानसिक कार्ये करने से भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है

माइग्रेन से बचने के उपाए

1.    भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।
2.    नियमित काम से काम 1 घंटा प्राणायाम करे| माइग्रेन में भ्रामरी प्राणायाम लाभकारी है
भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम के दौरान सुखासन में सीधे बैठ जाएं। दोनों कानों को अंगूठों से बंद करें व मध्य की दो उंगलियों को आंखों पर रखें। अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए गले से आवाज निकालें। इस प्रक्रिया के दौरन मुंह बंद रखें और श्वास की सारी क्रिया नाक से ही करें।

3.    जिस कमरे में आप रहती हैं या जहां काम करती हैं, वहां अधिक चुंधियाने वाले प्रकाश, तेज धूप से भी माइग्रेन बढ़ता है। अत: तेज गंध वाले परफ्यूम अथवा तेज मसाले वाली गंध से बचें।  अच्छी नींद लेने और भरपूर सोने की कोशिश करें। सात-आठ घंटे की केवल बढि़या और खुशनुमा नींद आपकी माइग्रेन की समस्या को 50 प्रतिशत तक कम कर देगी।
4.    पर्याप्त नींद ले। अधूरी नींद या ज्यादा सोने से भी माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है।
5.    कम रोशनी में या धुंदली जगह पर काम न करे।
6.    माइग्रेन (Migraine) का दर्द होने पर दर्द वाले हिस्से पर ठन्डे पानी की पट्टी रखने से रक्त धमनियां फ़ैल जाती है और दर्द कम हो जाता है।
7.    ज्यादा देर तक भूखे न रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाते रहें। इससे बचने के लिए भोजन समय पर करना बहुत जरूरी होता है।
8.    माइग्रेन होने पर नियमित रुप से, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेनी चाहिये।
9.    माइग्रेन होने पर कोशिश करे की सामान्य तापमान में रहे क्योकि अगर आप ज्यादा गर्म या ठन्डे स्थान पर रहोगे तो माइग्रेन हो सकता है
10. दालचीनी को बारीक करके पाउडर बन ले फिर दिन में 4 बार ठन्डे पानी से ले |
11.    माइग्रेन सिर दर्द शुरू होते ही जीभ की नोक पर एक चुटकी नमक रख लें और आधा मिनट बाद पानी पी लें सर दर्द गायब हो जायगा।
12.    माइग्रेन होने पर रात्रि में भारी भोजन जा करे | रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण ले सकते है जितना हो सके अच्छी और लम्बी नींद ले |



4 comments:

Powered by Blogger.