नीम के खास फायदे (Benefits of Neem )

03:12 Unknown 0 Comments



नीम में इतने गुण हैं कि ये कई तरह के रोगों के इलाज में काम आता है। यहाँ तक कि इसको भारत में ‘गांव का दवाखाना’ कहा जाता है। यह अपने औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेदिक मेडिसिन में पिछले चार हजार सालों से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है। नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ भी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है, ‘श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी खराब न होने वाला।’

1. मधुमेह से बचाए
डाइयबिटीस एक खरतनाक बीमारी हैं और अनियमित दिनचर्या के कारण इसके मरीज़ो की संख्या लगातार बढ़ रही हैं.  ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से डाइयबिटीस की बीमारी होती हैं. अगर आप रोजाना नीम का जूस पिएँगे तो आपके ब्लड का शुगर लेवेल नही बढ़ेगा और मधुमेह जैसी बीमारी नही होगी. मधुमेह के रोगी भी नीम का जूस पीकर अपने ब्लड शुगर लेवेल को नॉर्मल कर सकते हैं.

2. खून सॉफ करे
 अगर किसी व्यक्ति का खून सॉफ ना हो , तो इसके कारण कई प्रकार की प्रॉब्लम्स होने लगती हैं. शरीर की इम्यूनिटी पावर कमजोर हो जाती हैं और बीमारियो के इन्फेक्षन होने का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता हैं. नीम का पानी एक रक्ताषोधक औषधि हैं. साथ ही कुछ समय तक लगातार नीम के पानी के सेवन से फोड़े-फुंसियो और स्किन से संबधित बीमारियो से छुटकारा मिलता हैं. 

3.एलर्जी के लिए नीम
नीम के पत्तों को पीस कर पेस्ट बना लें, उसकी छोटी-सी गोली बना कर सुबह-सुबह खाली पेट शहद में डुबा कर निगल लें। उसके एक घंटे बाद तक कुछ भी न खाएं, जिससे नीम ठीक तरह से आपके सिस्टम से गुजर सके। यह हर प्रकार की एलर्जी – त्वचा की, किसी भोजन से होनेवाली, या किसी और तरह की – में फायदा करता है। आप सारी जिंदगी यह ले सकते हैं, इससे कोई नुकसान नहीं होगा। नीम के छोटे-छोटे कोमल पत्ते थोड़े कम कड़वे होते हैं, वैसे किसी भी तरह के ताजा, हरे पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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आंवले के औषधीय गुण ( Benefits of Amla )

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आंवला में फल और औषधि दोनों के गुण उपस्थित होते हैं। आयुर्वेद ने इसे 'अमृतफल' कहा है। आयुर्वेंद में इसका बहुत ही महत्व है। खाने में आंवला कड़वा, मधुर, एवं शीतल है। यह अपने कड़वेपन के कारण कफ एवं गैस को खत्म करता है और मधुरता व शीतलता के कारण पित्तनाशक है अत: यह त्रिदोषनाशक है।

1)   आंवले  के अन्दर विटामिन `C´  भरपूर मात्रा में पायी      जाता है। इसकी खास बात यह है कि इसके विटामिन गर्म करने और सुखाने से भी खत्म      नहीं होते।

2)  आंवला  हमारे दांतों और मसूढ़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है एवं तन-मन को फुर्तीला      बनाता है। नर्वस सिस्टम (स्नायु रोग), हृदय की बेचैनी, धड़कन, मोटापा, जिगर, ब्लडप्रेशर, दाद, प्रदर, गर्भाशय दुर्बलता, नपुसंकता, चर्म रोग, मूत्ररोग एवं हडिड्यों आदि के रोगों में आंवला बहुत उपयोगी होता है। जिगर की दुर्बलता, पीलिया को खत्म करने में आंवला को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ मिलता है और यह टॉनिक का काम करता है।

3)   आंवला  को रस के रूप में, चटनी  के रूप में या इसके चूर्ण को पानी के साथ ले सकते हैं।

4)   कोलेस्ट्रॉल-
 रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच आँवले का पावडर पानी में घोलकर पी लें। इससे रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्थिर रहता है।

5)    मधुमेह (डायबिटीज)-
मधुमेह तब होती है जब पैंक्रियाज ग्रंथि रक्त शर्करा के स्तर को नियमित रखने में असफल हो जाती है। यदि आपको मधुमेह ने घेर रखा है तो आप आँवले के गुणकारी एंटीऑक्सीडेंट्स पर भरोसा रख सकते हैं।

6)  नेत्र रोग  -
प्रतिदिन एक बड़ा चम्‍मच आँवले का रस शहद के साथ मिलाकर चाटने से मोतियाबिन्‍द में लाभ होता है।आँवले का रस पीने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।

 7.) एसिडिटी
आधुनिक जीवनशैली की एक और देन है एसिडिटी। हममें से सभी कभी न कभी इसके शिकार हुए हैं। तीव्र या असाध्य एसिडिटी हो तो एक ग्राम आँवले का पावडर दूध या पानी में शक्कर के साथ मिलाकर दोनों समय पिएँ।


8)  नकसीर के लिए
यदि नाक से खून निकल रहा है तो आंवले को बारीक पीसकर बकरी के दूध में मिलाकर सिर और मस्तिक पर लेप लगाइए। इससे नाक से खून निकलना बंद हो जाएगा।

9)  दिल के मरीज
आंवला खाने से दिल मजबूत होता है। दिल के मरीज हर रोज कम से कम तीन आंवले का सेवन करें। इससे दिल की बीमारी दूर होगी। दिल के मरीज मुरब्बा भी खा सकते हैं।

10)  खांसी और बलगम
खांसी आने पर दिन में तीन बार आंवले का मुरब्बा गाय के दूध के साथ खाएं। अगर ज्यादा तेज खांसी आ रही हो तो आंवले को शहद में मिलाकर खाने से खांसी ठीक हो जाती है।

11)   पेशाब में जलन
यदि पेशाब करने में जलन हो तो हरे आंवले का रस शहद में मिलाकर सेवन कीजिए। इससे जलन समाप्त होगी ओर पेशाब साफ आएगा।

12)  पथरी के लिए
पथरी की शिकायत होने पर सूखे आंवले के चूर्ण को मूली के रस में मिलाकर 40 दिन तक सेवन कीजिए। इससे पथरी समाप्त हो जाएगी।







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करेले के स्वस्थ्य लाभ ( Karela Juice Benefits )

10:52 Unknown 0 Comments


1) ब्लड शुगर लेवेल को कम करता है:

 अपने शुगर को नियंत्रित करने के लिए आप 3 दिन तक खाली पेट सुबह करेले का जूस ले सकते है. इससे आपके शरीर का ब्लड शुगर लेवेल कंट्रोल मे आ जाएगा

2) भूक बढ़ता है: 

भूख नही लगने से शरीर को पूरा पोषण नही मिल पाता है जिससे की स्वास्थ्या से संबंधित परेशानिया होती है. इसलिए करेले के जूस को रोज़ाना पीने से पाचन क्रिया सही रहती है जिससे भूक बदती है

3) पॅंक्रिटिक कॅन्सर के उपचार मे उपयोगी: 

रोज़ाना 1 गिलास बीततेर्गौरड़ का जूस पीने से पॅंक्रिटिक का कॅन्सर पैदा करने वाली कोशिकाए ख़तम हो जाती है।  ऐसा इसलिए होता है क्योकि करेले मे मोजूद आंटी-कॅन्सर कॉंपोनेंट्स पॅंक्रिटिक कॅन्सर पैदा करने वाली कोशिकाओ मे ग्लूकोस का पाचन रोक देते है जिससे इनकी शक्ति ख़तम हो जाती है

4) सराइयसिस के लक्षानो को दूर करता है : 

एक कप करेले के जूस मे एक स्पून नींबू का जूस मिला कर इस मिश्रण का खाली पेट सेवन करे।  3 से 6 महीने  तक इसका सेवन करने से त्वचा पर सराइयसिस के लक्षण दूर होते है।  यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बदाता है और सराइयसिस को प्राकृतिक रूप से ठीक करने मे मदद करता है

5) पाचन शक्ति बदाता है: 

करेला पाचन तंतरा को सुधरता है और इनडाइजेस्षन को दूर करता है. पाचन क्षमता बढ़ने क लिए सप्ताह में इक बार सुबह करेले का जूस जरूर पिए 

6) लिवर से टॉक्सिक सब्स्टेन्स को निकलता है: 

रोज़ाना एक गिलास करेला जूस पीने से लिवर मजबूत होता है क्योकि यह पीलिया जेसी बीमारियो को दूर रखता है. साथ ही यह लिवर से टॉक्सिक सब्स्टेन्सस को निकलता है और पोषण प्रदान करता है जिसे लिवर सही काम करता है और लिवर की बीमारिया दूर रहती है 

7) ब्लड को सॉफ रखता है: 

करेले का जूस शरीर मे एक प्राकृतिक रक्त शोधक के रूप मे कार्य करता है. यह टॉक्सिन्स को बाहर निकलता है और फ्री रॅडिकल्स से हुए नुकसान से बचाता है. इसलिए ब्लड को सॉफ करने और मुहासे जेसी समस्याओ को दूर करने के लिए रोज़ एक गिलास जूस पिए 


 8)    कफ: 

कफ की शिकायत होने पर करेले का सेवन करना चाहिए। करेले में फास्फोरस होता है जिसके कारण कफ की शिकायत दूर होती है।

 9)    दमा होने पर

दमा होने पर बिना मसाले की छौंकी हुई करेले की सब्जी खाने से फायदा होता है।

10)    लकवे के मरीजों के लिए

लकवे के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए लकवे के मरीज को कच्चा करेला खाना चाहिए।

11)    उल्टी-दस्त या हैजा

उल्टी-दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिलाकर सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है।

 12)    लीवर से संबंधित बीमारियों के लिए

लीवर से संबंधित बीमारियों के लिए तो करेला रामबाण औषधि है। जलोदर रोग होने पर आधा कप पानी में 2 चम्मच करेले का रस मिलाकर ठीक होने तक रोजाना तीन-चार बार सेवन करने से फायदा होता है।

 13)    पीलिया के मरीजों के लिए 

 पीलिया के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। पीलिया के मरीजों को पानी में करेला पीसकर खाना चाहिए।

14)    गठिया रोग होने पर

गठिया रोग होने पर या हाथ-पैर में जलन होने पर करेले के रस से मालिश करना चाहिए। इससे गठिया के रोगी को फायदा होगा।

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पत्थरचट्टा पथरी का सबसे बढ़िया इलाज

09:29 Unknown 5 Comments


Lovenuts Fox पथरी (किडनी / गाल ब्लैडर) का आयुर्वेदिक उपचार
एक पौधा होता है जिसे हिंदी मे पत्थरचट्टा, पाषाणभेद, पणफुट्टी, भष्मपथरी कहते है, इसका वैज्ञानिक नाम है "bryophyllum pinnatum"!सेवन की विधि : दो पत्ते तोड़े, उसको अच्छी तरह पानी से धोने के बाद सुबह सुबह खाली पेट चबा कर खाले, हलके गरम पानी के साथ !

एक पौधा होता है जिसे हिंदी मे पत्थरचट्टा, पाषाणभेद, पणफुट्टी, भष्मपथरी कहते है, इसका वैज्ञानिक नाम है "bryophyllum pinnatum"!

सेवन की विधि : दो पत्ते तोड़े, उसको अच्छी तरह पानी से धोने के बाद सुबह सुबह खाली पेट चबा कर खाले, हलके गरम पानी के साथ !
एक हफ्ते के अन्दर पथरी विघटित हो कर शरीर से निकल जाएगी


सबसे पहले कुछ परहेज !

मित्रो जिसको भी शरीर मे पथरी है वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं )
क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे कैलशियम है लेकिन वो शरीर मे पच नहीं रहा है वो अलग बात हे| इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए


पत्थर चट्टा का एक भी पत्ता ज़मीन पर गिर जाने से उसमे 30--40 नये पौधे उग जाते है खाने में स्वादिष्ट खट्टा  नमकीन होता है ध्यान दे यदि आप ईसे खा रहे है तो ईसे खाने के बाद एक घंटे तक ना कुछ खाए ओर ना ही कुछ पिए ओर ऐसा सुबह खाली पेट ही
पत्थरचट्टा के २-३ पत्तो को अच्छी तरह से धोकर शुबह खली पेट पानी के साथ चबा कर ले कुछ देणो मैं ही आपकी पथरी निकल जाएगी

* इसकी पत्ती का रस पैरों पर calluses के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।

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एलोविरा के है अनमोल फायदे ( The precious advantages of Elovira )

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एलोविरा भारत में ग्वारपाठा या घृतकुमारी हरी सब्जी के नाम से प्राचीनकाल से जाना जाने वाला कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है,एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिसमें अन्य सभी जड़ी-बूटियों के मुकाबले अधिक गुण है। यानी व्यक्ति को फिट रखने में एलोवेरा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। एलोवेरा का उपयोग अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है।

इसके कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग इस प्रकार है :-


1. शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति -

एलोविरा की तासीर गर्म होती हैं। यह खाने में बहुत पौष्टिक होता है। इसे त्वचा पर लगाना भी उतना ही लाभप्रद होता है। इसकी काँटेदार पत्तियों को छीलकर एवं काटकर रस निकाला जाता है। 3-4 चम्मच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहती है।

2.त्‍वचा और बालों के लाभकारी 

त्वचा की देखभाल और बालों की मजबूती व बालों की समस्या से निजात पाने के लिए एलोवेरा एक संजीवनी का काम करती है। एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा स्‍वस्‍थ दिखती है। यह स्किन के कोलाजन और लचीलेपन को बढाकर स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है। एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्‍वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आंखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है।

3.रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये 

एलोवेरा में वो औष‍धीय तत्व हैं जो शरीर में नहीं बनते बल्कि एलोवेरा से ही प्राप्त होते हैं जैसे– कुछ मिनरल और अमीनो एसिड। इन तत्वों को निरंतर शरीर की जरूरत रहती है जिसे पूरी करना भी जरूरी है। और जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं।

दिल की बीमारी और खून का दौरा

यह शरीर में खून बढ़ाने के साथ ही खून का दौरा भी ठीक करता है। साथ ही यह शरीर में हाई ब्‍लड प्रेशर को सामान्‍य करता है, जिससे हार्ट अटैक की समस्‍या नहीं आ पाती है।

 पाचन क्रिया सही करे

 ऐलो वेरा जूस पीने से पेट की कई रोग दूर होते हैं। यह पाचन तंत्रिका को मजबूत बनाता है जिससे कि वह पेट में जाने वाले आहारों से पौष्टिक तत्‍व को ग्रहण कर सकें। इसके रोजाना उपयोग से अपच और कब्‍ज जैसी समस्‍या भी दूर रहती है। पेट में पैदा होने वाले अल्‍सर को भी यह ठीक करता है।

मुंह के रोग दूर होते है

 मसूड़ों की तकलीफ और खून आना बंद होता है। साथ ही मुंह में अल्‍सर की बीमारी भी ठीक होती है। ऐलो वेरा जूस पीने से मोटापा भी कंट्रोल होता है और एनर्जी भी आती है।

वजन घटाने के लिए 
रोशन इक गिलास एलोवेरा जूस पीने से वजन घाट जाता है और संतुलित रहता है इसे पीने से आपकी खाने की आदत भी काबू रहता है।  इसको पीने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है इसमें ऐसे कई पोषक तत्व होते है जो सरीर के लिए उपयोगी होते है ।

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लहसुन के अध्भुत लाभ ( benefits of garlic )

11:59 Unknown 0 Comments


दिल की सेहत के लिए खाएं लहसुन
लहसुन खाने से न सिर्फ बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है ‌बल्कि आबपका दिल भी हमेशा फिट रहता है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में गुड कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं जिनसे बैड कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में आसानी होती है। हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को प्रतिदिन कम से कम लहसुन के दो जवे जरूर खाने चाहिए। इसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्व हाई बीपी को सामान्य करने में मददगार है।


ब्लड क्लॉटिंग से बचाता है लहसुन
लहसुन का सेवन उन लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं जिनका खून अधिक गाढ़ा होता है। यह ब्लड क्लॉटिंग को रोकता है, खून पतला करता है और रक्त प्रवाह सुचारू करता है।

संक्रमण से बचाता है लहसुन
लहसुन के सेवन से शरीर में टी-सेल्स, फैगोसाइट्स, लिंफोसाइट्स आदि प्रतिरोधी तत्व बढ़ते हैं और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। इससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव शरीर को तुरंत नहीं होता।

ठंड से बचाने का कुदरती उपाय
लहसुन की तासीर गर्म होती है। और ठण्‍ड को दूर करने का यह कुदरती उपाय है। कई शोध इस बात को साबित कर चुके हैं कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। सर्दियों के मौसम में गाजर, अदरक और लहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है।

दांतों के दर्द में फायदेमंद

लहसुन खाने से दांतों में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। दांतों
में दर्द होने पर लहसुन को कच्चा पीसकर दांतों पर रख लें,इससे तुंरत आराम
 मिलेगाक्योंकि लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल तत् होते हैंजो दांत पर
सीधा असर डालते हैं

गर्भावस्था में फायदेमंद

गर्भावस्था के दौरान लहसुन का नियमित सेवन मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह गर्भ के भीतर शिशु के वजन को बढ़ाने में सहायक है। 

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नींबू के अध्भुत लाभ ( Benefits of lemon )

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1. क्‍या आप बदहज्‍मी से परेशान रहते हैं? इसके लिये गरम पानी में कुछ बूंदे नींबू की मिलाएं और पी जाएं। इससे चक्‍कर, डायरिया, दिल की जलन, डकार और कई अन्‍य पेट के रूग दूर हो जाएंगे। 

2.नीबू के जूस से शरीर की रोग-प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है लेकिन इससे मोटापा नहीं बढ़ता है। इसके सेवन से आप बिना कमजोरी के वजन घटा लेंगे। यह सिर्फ पतला करने बल्कि मोटापा बढ़ाने में भी लाभकारी है। वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो रोज नीबू में एक चम्मच शक्कर मिलाकर उसका जूस पीयें। 

3.सौंदर्य निखारने यानी चेहरे पर कच्चे दूध में नीबू का रस मिला कर लगाने से चेहरे के सारे दाग मिट जाते हैं। 

 4. यह एक प्राकृतिक एंटीसेप्‍टिक है जिसके प्रयोग से स्‍किन की समस्‍या सही हो जाती है। यह चेहरे से ब्‍लैकहेड और झुर्रियों को मिटाता है तथा चेहरे को साफ करता है। साथ ही यह एंटी एजिंग का भी काम करता है। साथ ही इसे पिंपल पर लगाने से पिंपल सूख जाता है व और ज्‍यादा नहीं फैलता।

5. अगर मसूडों में दर्द हो रहा हो तो उस जगह पर नींबू का रस लगाइये। अगर मसूडों से खून बह रहा हो तो नींबू का रस उसे रोक देगा और साथ ही मुंह की बदबू से भी निजात दिलाएगा। 

6.  पेट की परेशानी को दूर करने के लिए शहद में नींबू का रस नियमित रूप से सुबह लें है। इससे कब्ज  संबंधी समस्या को भी दूर किया जा सकाता है। 

7. गले की सूजन, गला बैठ जाना आदि में गर्म पानी में नींबू का रस व नमक मिलाकर गरारे करने चाहिए। जिन्हें खाँसी में पतला कफ निकलता हो उनको यह प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

 8. नींबू पानी पीने से हाई ब्‍लड़ प्रेशर, स्‍ट्रेस, थकान और चक्‍कर आना दूर होता है। साथ ही इससे सांस की तकलीफ और अस्‍थमा की भी समस्‍या दूर होती है। 

9.अगर आपकी त्वचा तैलीय हैतो नींबू के रस मे बराबर मात्रा मे पानी मिलाकर चेहरा साफ़ करें। 
 मसूड़े फूलने पर नींबू को पानी में निचोड़ कर कुल्ला करने से अत्यधिक लाभ होगा। इतना ही नहीं नींबू से दांतों के दर्द को भी दूर किया जा सकता है। 

10. नींबू जो कि स्ट्रिस फ्रूट है, संक्रमण के खिलाफ लड़ने में सहायक होता है। यह खून में डब्‍लूबीसी और एंटीबॉडी के उत्‍पादन में मदद करता है जो कि माइक्रोओर्गेनिज्‍म और संक्रमण से लड़ते हैं। 

 11. नींबू एक एंटीऑक्‍सीडेंट है जो कि फ्री रेडिकल्‍स को डीएक्‍टिवेट करता है जिससे स्‍ट्रोक, हार्ट की बीमारी और कैंसर का खतरा नहीं हो पाता। 

12. नींबू ब्‍लड प्रेशर को कम करता है औ एचडीएल यानी की गुड कोलेस्‍ट्रॉल को बढाता है। 

13. बाल गिरनाः नींबू का रस सिर के बालों की जड़ों में रगड़कर 10 मिनट बाद धोने से बालों का पकना, टूटना या जुएँ पड़ना दूर होता है। 

 14. एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस एवं दो चम्मच शहद डालकर पीने से शरीर की अनावश्यक चर्बी कम होती है एवं पुराना कब्ज मिटता है। 

 15. सीफूड को मैरीनेट करना हो या फिर या मीट में बैकटीरया को नाश करना हो तो नींबू के रस को ही लगाया जाता है। इससे पेट गैस्‍ट्रो इंटस्‍टाइनल ट्रैक इंफेक्‍शन नहीं हो पाता।

Read more at: http://hindi.boldsky.com/health/diet-fitness/2012/benefits-lemon-juice-health-001414.html

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अमरूद के स्वास्थ्य लाभ ( Health Benefits of Guava )

11:54 Unknown 0 Comments


* लगातार अमरूद खाने से कब्ज और पेट रोग में फायदा होता है।

* अमरूद में विटामिन 'सी' की काफी मात्रा होती है। अतः इसके नियमित सेवन से जुकाम से बचाव होता है। 

अमरूद के बीज को खूब चबा-चबा कर खाए जाएँ तो शरीर को लौह तत्व की पूर्ति होती है।

* अमरूद को भूनकर खाने से पुरानी से पुरानी खांसी में फायदा होता है। 
* यदि किसी व्यक्ति को भां ग का ज्यादा नशा हो जाए तो अमरूद खिलाने से नशा कम हो जाता है।

* दांतों व मसूड़ों में दर्द होने पर या दाँत में कीड़ा होने पर अमरूद के पत्तों को चबाने से फायदा होता है।
* अमरूद को काटकर काला नमक, जीरा, नीबू का रस मिलाकर खाने से मुंह का जायका सुधरता है तथा अरुचि और अपच दूर होता है।

* यदि कभी आपका गला ज्यादा ख़राब हो गया हो तो अमरुद के तीन -चार ताज़े पत्ते लें ,उन्हें साफ़ धो लें तथा उनके छोटे-छोटे टुकड़े तोड़ लें | एक गिलास पानी लेकर उसमे इन पत्तों को डाल कर उबाल लें , थोड़ा पकाने के बाद आंच बंद कर दें | थोड़ी देर इस पानी को ठंडा होने दें ,जब गरारे करने लायक ठंडा हो जाये तो इसे छानकर ,इसमें नमक मिलाकर गरारे करें , याद रखें कि इसमें ठंडा पानी नहीं मिलना है | 

* अमरूद के ताजे पत्तों का रस 10 ग्राम तथा पिसी मिश्री 10 ग्राम मिलाकर 21 दिन प्रात: खाली पेट सेवन करने से भूख खुलकर लगती है और शरीर सौंदर्य में भी वृद्धि होती है।

* अमरूद खाने या अमरूद के पत्तों का रस पिलाने से शराब का नशा कम हो जाता है। कच्चे अमरूद को पत्थर पर घिसकर उसका एक सप्ताह तक लेप करने से आधा सिर दर्द समाप्त हो जाता है। यह प्रयोग प्रात:काल करना चाहिए। गठिया के दर्द को सही करने के लिए अमरूद की 4-5 नई कोमल पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाकर रोजाना खाने से से जोड़ो के दर्द में काफी राहत मिलती है।

* डायबिटीज के रोगी के लिए एक पके हुये अमरूद को आग में डालकर उसे भूनकर निकाल लें और भुने हुई अमरुद को छीलकर साफ़ करके उसे अच्छे से मैश करके उसका भरता बना लें, उसमें स्वादानुसार नमक, कालीमिर्च, जीरा मिलाकर खाएं, इससे डायबिटीज में काफी लाभ होता है। ताजे अमरूद के 100 ग्राम बीजरहित टुकड़े लेकर उसे ठंडे पानी में 4 घंटे भीगने दीजिए। इसके बाद अमरूद के टुकड़े निकालकर फेंक दें। इस पानी को मधुमेह के रोगी को पिलाने से लाभ होता है।

* जब भी आप फोड़े और फुंसियों से परेशान हो तो अमरूद की 7-8 पत्तियों को लेकर थोड़े से पानी में उबालकर पीसकर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को फोड़े-फुंसियों पर लगाने से आराम मिल जाएगा। चार हफ्तों तक नियमित रूप से अमरूद खाने से भी पेट साफ रहता है व फुंसियों की समस्या से राहत मिलती है।

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हल्दी के स्वास्थ्य लाभ ( Health Benefits of Turmeric )

11:31 Unknown 0 Comments


लीवर संबंधी समस्‍याओं में लाभकारी


लीवर की तकलीफों से निजात पाने के लिए हल्‍दी बेहद उपयोगी होती है। यह रक्त दोष दूर करती है। हल्‍दी नैसर्गिक तौर पर ऐसे एन्‍जाइम्‍स का उत्‍पादन बढ़ाती है जिससे लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

दाग-धब्‍बों से छुटकारा


दाग-धब्‍बे और झाइयां हटाने में हल्‍दी का कोई सानी नहीं। हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर लगाने से त्‍वचा साफ और निखरी हो जाती है। हल्‍दी और दूध से बना पेस्‍ट भी त्‍वचा का रंग निखरने और चेहरे को खिला-खिला रखने के लिए बहुत असरदार होता हैं।

अनचाहे बाल हटाएं


अगर आप अनचाहे बालों से परेशान है तो हल्‍दी का प्रयोग करें। अनचाहे बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अनचाहे बालों पर लगाएं। इस उपाय से शरीर के अनचाहे बाल धीरे-धीरे हट जाते हैं और त्‍वचा कोमल हो जाती हैं।

पेट की समस्‍याओं में लाभकारी


मसाले के रूप में प्रयोग की जाने वाली हल्‍दी का सही मात्रा में प्रयोग पेट में जलन एवं अल्‍सर की समस्‍या को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होता है। हल्दी का पीला रंग कुरकमिन नामक अवयव के कारण होता है और यही चिकित्सा में प्रभावी होता है। चिकित्सा क्षेत्र के मुताबिक कुरकमिन पेट की बीमारियों जैसे जलन एवं अल्सर में काफी प्रभावी रहा है।

दंत रोगों में गुणकारी


दांतों की स्‍वस्‍थ और मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए हल्‍दी का प्रयोग करें। इसके लिए थोड़ी सी हल्‍दी, नमक और सरसों का तेल लेकर मिला लें। अब इस मिश्रण से दांतों और मसूड़ों में अच्‍छे से मसाज करें। इस उपाय से सूजन दूर होती है और दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

खांसी में राहत


खांसी में हल्‍दी की गांठ का इस्‍तेमाल करें। अगर एकदम से खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आएगी। खांसी के साथ कफ की समस्या होने पर एक गिलास गर्म दूध में एक-चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है।


हल्दी वाले दूध पीने के फायदे 



वजन घटाने में फायदेमंद

गर्म दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा फैट्स घटता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल्स सेहतमंद तरीके से वेट लॉस में मददगार हैं।




अच्छी नींद के लिए

हल्दी में अमीनो एसिड है इसलिए दूध के साथ इसके सेवन के बाद नींद गहरी आती है। अनिद्रा की दिक्कत हो तो सोने से आधे घंटे पहले गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन करें।

दर्द से आराम

हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया से लेकर कान दर्द जैसी कई समस्याओं में आराम मिलता है। इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है।

खून और लिवर की सफाई

आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है। पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है।

पीरियड्स में आराम

हल्दी वाले दूध के सेवन से पीरियड्स में पड़ने वाले क्रैंप्स से बचाव होता है और यह मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाता है।

मजबूत हड्डियां

दूध में कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है और हल्दी में एंटीऑक्सीडेट्स भरपूर होते हैं इसलिए इनका सेवन हड्डियों को मजबूत करता है और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता घटाता है।

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अदरक के अनमोल गुण ( Precious properties of ginger )

11:30 Unknown 0 Comments

 अदरक (Ginger) हर तरह के इनफेक्शन में काम आती है। अदरक को विश्व औषधि के नाम से जाना जाता है। अदरक शक्ति और स्फूर्ति का भंडार माना जाता है।
 इसके उपयोग की जानकारी हो तो यह अनमोल है। अदरक के सूखने पर इसे सोंठ कहते हैं, ये दोनों ही रूप में हमारे लिये बलवर्धक है। यह जनाना तथा मर्दाना दोनों के लिये अत्याधिक उपयोगी है। अदरक के गुणों का वर्णन पुरातन चिकित्सा (आयुर्वेदिक चिकित्सा) पद्धति में बखूबी किया गया है।

 सर्दी, जुकाम, खांसी, कफ, दमा में अदरक फायदा करता है। अदरक को जो किसी न किसी रूप में सेवन करता है वह हृदय रोग से दूर रहता है। अदरक शुगर तथा डायबिटीस को कंट्रोल करती है। अदरक, नींबू, सेंधा नमक मिलाकर खाने से, हमें कैंसर से बचाता है। जुकाम से, नाक बंद हो जाये, टॉन्सिल, बहरापन तथा कान बहने जैसे रोगों में अदरक का सेवन करें। इसी प्रकार अदरक तमाम परेशानियां दूर करती है।


हिचकी- 

ताजे अदरक का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से हिचकी जाती रहेगी।


 मुंह में बदबू- 

अदरक का रस 1 चम्मच गर्म पानी में डालकर कुल्ला करें। मुंह की दुर्गंध जाती रहेगी।

 लकवा तथा हाथ पैर सुन्न होना- 

उड़द की दाल पीसकर उसे घी में भूनें इसमें गुड़, सोंठ पीसकर मिला दें। लड्डू बनाये। इसे नित्य एक लड्डू का सेवन करें।



 कान का दर्द –

 ठंडी हवा या कान में मैल जमने से या फिर फुंसी होने से कान में दर्द हो तो अदरक का रस कपड़े से छानकर, गुनगुना कर तीन-चार बूंद कान में डालें 3-4 बार। यदि कान में सांय-सांय कर रहा हो तो थोड़ा-थोड़ा सोंठ, गुड़, घी मिलकर खाने से ठीक हो जायेगा।


 जोड़ों पर दर्द-

अदरक को पीसकर जोड़ों पर लेप करें। दर्द ठीक होगा। 250 ग्राम तिल के तेल में 500 ग्राम अदरक का रस मिलाकर पकाऐं जब सिर्फ तेल रह जाये तो उसे ठंडा कर शीशी में भर लें फिर संधि शोध (जोड़ों के दर्द) पर लगाऐं मालिश करें आराम आयेगा।

हाजमे के लिए 

पेट की समस्‍याओं के लिए अदरक बहुत ही फायदेमंद होता है। यह अपच और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। अदरक को अजवाइन, सेंधा नमक व नींबू का रस मिलाकर खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है। इससे पेट में गैस नहीं बनती, खट्टी-मीठी डकार आना बंद हो जाती है। साथ ही कब्‍ज की समस्‍या से भी निजात मिलती हैं।

त्वचा को आकर्षित बनाने के लिए 

अदरक के सेवन से त्‍वचा आकर्षित और चम‍कदार बनती है। अगर आप भी अपनी त्‍वचा को आकर्षित बनाना चाहते हैं तो  सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का एक टुकड़ा जरूर खाएं। इससे न केवल आपकी त्वचा में निखार आएगा बल्कि आप लंबे समय तक जवां दिखेंगे।

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चमत्‍कारी तुलसी के लाभ Basil miraculous benefits

00:58 Unknown 0 Comments


तुलसी को हमारे घरों में देवी का रूप माना जाता है और यह हर प्रकार से पवित्र है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी लगाई जाती है उस घर में भगवान वास करते हैं। तुलसी एक ऐसी वनस्‍पति है जो धार्मिक हिन्‍दू समुदाय में बहुत ही महत्‍वपूर्ण औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है। तुलसी केवल हमारी आस्था का प्रतीक भर नहीं है। इस पौधे में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। बच्‍चे, बूढे, औरते और आदमी सभी तुलसी के सेवन से लाभ उठा सकते हैं।


लिवर संबंधी समस्या (Liver problems)

तुलसी की 10-12 पत्तियों को गर्म पानी से धोकर रोज सुबह खाएं। लिवर की समस्याओं में यह बहुत फायदेमंद है।

पेटदर्द (Abdominal pain)

एक चम्मच तुलसी की पिसी हुई पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर गाढा पेस्ट बना लें। पेटदर्द होने पर इस लेप को नाभि और पेट के आस-पास लगाने से आराम मिलता है।

पाचन संबंधी समस्या ( Digestion problems )

पाचन संबंधी समस्याओं जैसे दस्त लगना, पेट में गैस बनना आदि होने पर एक ग्लास पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियां डालकर उबालें और काढा बना लें। इसमें चुटकी भर सेंधा नमक डालकर पीएं।

बुखार आने पर ( Fever on arrival )

दो कप पानी में एक चम्मच तुलसी की पत्तियों का पाउडर और एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाकर उबालें और काढा बना लें। दिन में दो से तीन बार यह काढा पीएं। स्वाद के लिए चाहें तो इसमें दूध और चीनी भी मिला सकते हैं।

खांसी-जुकाम ( Cough-cold )

करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी की कोमल पत्तियों को थोडी- थोडी देर पर अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

श्वास की समस्या ( Breathing problems )

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।


सर्दी से बचाव ( Protection from cold )

बारिश या ठंड के मौसम में सर्दी से बचाव के लिए तुलसी की लगभग 10-12 पत्तियों को एक कप दूध में उबालकर पीएं। सर्दी की दवा के साथ-साथ यह एक न्यूट्रिटिव ड्रिंक के रूप में भी काम करता है। सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है।

गुर्दे की पथरी ( Kidney stone )

तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।

हृदय रोग ( Heart disease )

तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।

तनाव ( Tension )

तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।

मुंह का संक्रमण  ( Mouth infection )

अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है।

त्वचा रोग ( Skin disease )

दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है। तुलसी की ताजा पत्तियों को संक्रमित त्वचा पर रगडे। इससे इंफेक्शन ज्यादा नहीं फैल पाता।

सांसों की दुर्गध ( Bad stench )

तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है।

सिर का दर्द ( Head pain )

सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है।

आंखों की समस्या ( Eye problem )

आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।

कान में दर्द ( Pain in ear )

तुलसी के पत्तों को सरसों के तेल में भून लें और लहसुन का रस मिलाकर कान में डाल लें। दर्द में आराम मिलेगा।


for more information please go below links: http://hindi.boldsky.com/health/diet-fitness/2013/medicinal-uses-tulsi-003105.html?utm_source=vuukle&utm_medium=referral#slide3627

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खांसी से राहत दिलाने वाली आयुर्वेदिक औषधियां ( The Ayurvedic medicines to relieve cough )

04:30 Unknown 0 Comments

खांसी के घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार ( Cough domestic and ayurvedic treatment )

 

1. सूखी खांसी के उपचार के लिए एक छोटे से अदरक के टुकड़े को छील लें और उस पर थोड़ा सा नमक छिड़क कर उसे चूस लें। 
2. नींबू के रस में 2 चम्मच ग्लिसरीन और 2 चम्मच शहद मिलाकर मिश्रण बना लें और रोजाना इस मिश्रण का 1 चम्मच सेवन करने से खांसी से काफी रहत मिलेगी। 

3. अदरक की चाय का सेवन करने से भी खांसी ठीक होने में लाभ मिलता है।

4. लंबे समय तक इलायची चबाने से भी खांसी से राहत मिलती है।

5.तुलसी के पत्तों का सार, अदरक और शहद मिलाकर एक मिश्रण बना लें, और ऐसी गंभीर खांसी के उपचार के लिए लें जो कि तपेदिक और ब्रौन्काइटिस जैसी बीमारियों के कारण शुरू हुई है।

6.अदरक को पानी में 10-15 मिनट के लिए उबाल लें और उसमें एक दो चम्मच शुद्ध शहद मिलकर दिन में तीन चार बार पीये। ऐसा करने से आपका बलगम बाहर निकलता रहेगा और आपको खांसी में लाभ पहुंचेगा।

7.सीने में बलगम के जमाव को निष्काषित करने के लिए अंजीर बहुत ही उपयोगी होते हैं, और खांसी को मिटाने में काफी सहायक सिद्ध होते हैं।




8. 2 ग्राम काली मिर्च और 1-1/2 ग्राम मिश्री का चूर्ण या शितोपलादी चूर्ण 1-1ग्राम दिन में 3 बार शहद के साथ चाटने से खांसी में लाभ होता है। 

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बालों को काला करने के आयुर्वेदिक टिप्स (Ayurveda Tips To Turn White Hairs Into Black)

03:53 Unknown 0 Comments

आइए जानते हैं, कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपायों (Ayurveidc Tips or Home Remedies) के बारे में जिसे इस्तेमाल करने से बाल न सिर्फ काला होता है बल्कि उनमें कुदरती चमक भी आती है। साथ ही, बालों का झड़ना-गिरना (Hair Fall) भी बंद हो जाता है।

शिकाकाई (Shikakai)

शिकाकाई और सूखे आंवले लेकर को अच्छी तरह से कूट ले। दोनों के टुकड़ों को रात भर पानी में भिगों कर रखें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे बालों की मालिश करें। मालिश करने के आधा घंटा बाद बाद नहा लें। बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगायें। ऐसा करने से बाल काले, लंबे, मुलायम और चमकदार होते हैं। खास बात यह है कि शिकाकाई और आंवले से बाल कभी सफेद नहीं होते व जिनके बाल सफेद हों तो वे भी काले हो जाते हैं.


मेथी पाउडर (Methi Powder)

 

मेथी के बीजों में बालों को पोषण देने वाले सभी जरुरी तत्व मौजूद होते हैं। मेथी के बीज में फॉस्फेट, लेसिथिन, न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन और कॉड-लिवर ऑयल के साथ फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करते हैं।

मेथी दानों को ग्राईंडर में पीसकर चूर्ण बना लें। चूर्ण में पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और इस पेस्ट को बालों में लगाएं। इसे लगाने से बाल काला, घना और लंबा तो होगा ही, डैंड्रफ की परेशानी भी खत्म होगी।

आंवला पाउडर (Aanvala Powder)

 


आंवले के पाउडर को लोहे के काले रंग के बर्तन में एक दिन तक रखिए और दूसरे दिन सुबह इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को पूरे एक हफ्ते तक पानी मिला कर लोहे बर्तन में रखना है। हफ्ते भर में यह पेस्ट बिल्कुल काला हो जाएगा। जब यह पेस्ट पूरी तरह काला हो जाए तो इसे डाई की तरह बालों में लगाएं। इस विधि को दो-तीन बार अलग-अलग दिन पर आजमाए। बालों में कुदरती काला रंग आने लगेगा।

 

मेंहदी और आंवला (Mehandi and Aanvala)

 

सूखी मेंहदी और सूखा आंवला की बराबर मात्रा लेकर शाम को पानी में भींगने के लिए छोड़ लें। रात भर भींगने के बाद सुबह इससे बालों को धोएं, इसको लगातार लगाने से बाल काले, लम्बे हो जाते है।

 

रीठा (Reetha)

 

 

एक ग्राम कपूर, 100 ग्राम नागरमोथा और रीठे के फल की गिरी, शिकाकाई पाव भर और 200 ग्राम आंवला, इन सभी को मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को आधा ग्लास पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में लगाएं लेप सूखने के बाद गुनगुने पानी से बालों को अच्छी तरह धो लें। इससे बाल काले, घने और मुलायम होते हैं। रीठा, आंवला व शिकाकाई को आपस में मिलाकर बाल धोने से बाल सिल्की और चमकदार होती है। 

 

 



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