आंवले के औषधीय गुण ( Benefits of Amla )

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आंवला में फल और औषधि दोनों के गुण उपस्थित होते हैं। आयुर्वेद ने इसे 'अमृतफल' कहा है। आयुर्वेंद में इसका बहुत ही महत्व है। खाने में आंवला कड़वा, मधुर, एवं शीतल है। यह अपने कड़वेपन के कारण कफ एवं गैस को खत्म करता है और मधुरता व शीतलता के कारण पित्तनाशक है अत: यह त्रिदोषनाशक है।

1)   आंवले  के अन्दर विटामिन `C´  भरपूर मात्रा में पायी      जाता है। इसकी खास बात यह है कि इसके विटामिन गर्म करने और सुखाने से भी खत्म      नहीं होते।

2)  आंवला  हमारे दांतों और मसूढ़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है एवं तन-मन को फुर्तीला      बनाता है। नर्वस सिस्टम (स्नायु रोग), हृदय की बेचैनी, धड़कन, मोटापा, जिगर, ब्लडप्रेशर, दाद, प्रदर, गर्भाशय दुर्बलता, नपुसंकता, चर्म रोग, मूत्ररोग एवं हडिड्यों आदि के रोगों में आंवला बहुत उपयोगी होता है। जिगर की दुर्बलता, पीलिया को खत्म करने में आंवला को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ मिलता है और यह टॉनिक का काम करता है।

3)   आंवला  को रस के रूप में, चटनी  के रूप में या इसके चूर्ण को पानी के साथ ले सकते हैं।

4)   कोलेस्ट्रॉल-
 रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच आँवले का पावडर पानी में घोलकर पी लें। इससे रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्थिर रहता है।

5)    मधुमेह (डायबिटीज)-
मधुमेह तब होती है जब पैंक्रियाज ग्रंथि रक्त शर्करा के स्तर को नियमित रखने में असफल हो जाती है। यदि आपको मधुमेह ने घेर रखा है तो आप आँवले के गुणकारी एंटीऑक्सीडेंट्स पर भरोसा रख सकते हैं।

6)  नेत्र रोग  -
प्रतिदिन एक बड़ा चम्‍मच आँवले का रस शहद के साथ मिलाकर चाटने से मोतियाबिन्‍द में लाभ होता है।आँवले का रस पीने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।

 7.) एसिडिटी
आधुनिक जीवनशैली की एक और देन है एसिडिटी। हममें से सभी कभी न कभी इसके शिकार हुए हैं। तीव्र या असाध्य एसिडिटी हो तो एक ग्राम आँवले का पावडर दूध या पानी में शक्कर के साथ मिलाकर दोनों समय पिएँ।


8)  नकसीर के लिए
यदि नाक से खून निकल रहा है तो आंवले को बारीक पीसकर बकरी के दूध में मिलाकर सिर और मस्तिक पर लेप लगाइए। इससे नाक से खून निकलना बंद हो जाएगा।

9)  दिल के मरीज
आंवला खाने से दिल मजबूत होता है। दिल के मरीज हर रोज कम से कम तीन आंवले का सेवन करें। इससे दिल की बीमारी दूर होगी। दिल के मरीज मुरब्बा भी खा सकते हैं।

10)  खांसी और बलगम
खांसी आने पर दिन में तीन बार आंवले का मुरब्बा गाय के दूध के साथ खाएं। अगर ज्यादा तेज खांसी आ रही हो तो आंवले को शहद में मिलाकर खाने से खांसी ठीक हो जाती है।

11)   पेशाब में जलन
यदि पेशाब करने में जलन हो तो हरे आंवले का रस शहद में मिलाकर सेवन कीजिए। इससे जलन समाप्त होगी ओर पेशाब साफ आएगा।

12)  पथरी के लिए
पथरी की शिकायत होने पर सूखे आंवले के चूर्ण को मूली के रस में मिलाकर 40 दिन तक सेवन कीजिए। इससे पथरी समाप्त हो जाएगी।







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